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Janardan Prasad - An Educationist, Journalist, Social Worker, Politician and more......



Janardan Prasad 

Janardan Prasad was a renowned Social Worker, Journalist, Educationist and Politician of East Champaran. He was born in Sultanganj while he served the land of Champaran (Motihari) making that place as his workplace (Karmasthal). He held various positions of Reader/ Head of Department of Economic,M.S. College and Principal of JN Memorial College, Ghorasahan. 


Janardan Prasad as a Journalist

He has been a one of the longest serving journalist whose career in journalism spread over 5 decades. Janardan Prasad was reporter to news agencies like Press Trust of India (P.T.I.), United News of India (UNI) and Aakashvani. He had been journalist and reporter to many Hindi and English daily newspapers like Aaryavart, Pradeep, Indian Nation. He has been editor and key writer to many regional newspapers/ journals like "Naya Din", "Tirhut Dak", "Panchayat", "Bharatendu", "Champaran Sandesh", "Motihari Sandesh", ""JanKalyan", "Arya Mihir", "Dafeena" etc. His contribution to the locally published journals had been immense and has been role model for many journalists of the district.


Janardan Prasad as a Social Worker & Politician

As a social worker and political person he was associated with Jay Prakash Narayan, Karpoori Thakur, George Fernandes, and Nitish Kumar. He was actively associated with Jay Prakash Movement and had been part of struggle and development activities related east champaran though his birth place has been Sultanganj, Bhagalpur district. 
Janardan Prasad as a social worker had contributed and struggled for the upliftment of various communities. His contribution to establishing and organizing cultural events for the district has been remarkable as a great orator.

Janardan Prasad as an Educationist 

Janardan Prasad as an educationist was in teaching profession from as early as 1949 when very first and newly established college of district (MS College) came into existence. His association with government and private run colleges are well recognised. His contribution in establishing many educational institutions like SRP College, Chakia, Dr. SKS Women’s’ College, KhemChand Tarachand College, Raxaul, RD Kedia Homeopath Medical college, HSV Cooperative college, Ramgarwah, KT college, Motihari are worth mentioning. He had successfully contributed towards opening of more than half a dozen colleges in district.
Janardan Prasad a talented person had made significant contribution towards the field of education, social service, journalism and cultural events.
 




Hindi Translation of Above Post

जनार्दन प्रसाद
जनार्दन प्रसाद एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, शिक्षाविद और पूर्वी चंपारण के राजनीतिज्ञ थे। उनका जन्म सुल्तानगंज में हुआ था, जब उन्होंने चंपारण (मोतिहारी) की भूमि को अपने कार्यस्थल (कर्मस्थल) के रूप में बनाया था। उन्होंने आर्थिक विभाग के रीडर / विभागाध्यक्ष के विभिन्न पद संभाले। कॉलेज और जेएन मेमोरियल कॉलेज, घोड़ासहन के प्राचार्य।

जनार्दन प्रसाद एक पत्रकार के रूप में
वह सबसे लंबे समय तक सेवारत पत्रकार रहे हैं, जिनका पत्रकारिता में करियर 5 दशकों में फैला है। जनार्दन प्रसाद प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (P.T.I), यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया (UNI) और आकाशवाणी जैसी समाचार एजेंसियों के रिपोर्टर थे। वह आर्यावर्त, प्रदीप, भारतीय राष्ट्र जैसे कई हिंदी और अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्रों के पत्रकार और रिपोर्टर थे। वह कई क्षेत्रीय अखबारों / पत्रिकाओं के संपादक हैं, जैसे "नया दिन", "तिरहुत डाक", "पंचायत", "भारतेंदु", "चंपारण संधेश", "मोतिहारी संधेश", "" जनकल्याण "," आर्य मिहिर। "," डेफेना "आदि। स्थानीय स्तर पर प्रकाशित पत्रिकाओं में उनका योगदान काफी रहा है और जिले के कई पत्रकारों के लिए आदर्श रहे हैं।

जनार्दन प्रसाद एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ के रूप में
एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक व्यक्ति के रूप में वह जय प्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर, जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार के साथ जुड़े थे। वह जय प्रकाश आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े थे और पूर्व चंपारण से संबंधित संघर्ष और विकास गतिविधियों का हिस्सा रहे थे, हालांकि उनका जन्म स्थान सुल्तानगंज, भागलपुर जिला रहा है।
जनार्दन प्रसाद ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में योगदान दिया था और विभिन्न समुदायों के उत्थान के लिए संघर्ष किया था। जिले के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की स्थापना और आयोजन में उनका योगदान एक महान संचालक के रूप में उल्लेखनीय रहा है।

जनार्दन प्रसाद एक शिक्षाविद् के रूप में
एक शिक्षाविद् के रूप में जनार्दन प्रसाद 1949 के शुरुआती दौर से ही अध्यापन के पेशे में थे, जब जिले का पहला और नव स्थापित कॉलेज (MS College) अस्तित्व में आया। सरकारी और निजी रन कॉलेजों के साथ उनकी मान्यता अच्छी तरह से पहचानी जाती है। एसआरपी कॉलेज, चकिया, डॉ। एसकेएस वीमेंस कॉलेज, खेमचंद ताराचंद कॉलेज, रक्सौल, आरडी केडिया होम्योपैथ मेडिकल कॉलेज, एचएसवी कोऑपरेटिव कॉलेज, रामगढ़वा, केटी कॉलेज, मोतिहारी जैसे कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में उनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने जिले के आधा दर्जन से अधिक कॉलेजों को खोलने की दिशा में सफलतापूर्वक योगदान दिया था।
जनार्दन प्रसाद एक प्रतिभाशाली व्यक्ति ने शिक्षा, सामाजिक सेवा, पत्रकारिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

Comments

  1. Yes I got the opportunity to meet him several times,in fact he was very close to my father , my respect and tribute

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  2. This comment has been removed by the author.

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  3. Yes, I am so luckyt I got opportunity to meet him several times, because he was father of my best friend.

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